गांव को स्वच्छ रख कोहका ने कायम की मिसाल स्वच्छता अभियान से पहले ही कोहका के बाशिन्दों ने समझा महत्व

गांव के लोग शाम को लगाते है चौपाल लगाकर तय करते है सफाई के क्षेत्र और स्वावलंबन की दिशा

बालाघाट जिले के दुर्गम वनीय जनपद बैहर से 5 किमी.दूर स्थित कोहका गांव के बाशिंदों ने स्वच्छता अभियान से पहले ही स्वच्छता को समझ लिया था। वे अपने गांव की स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रहें थे। तभी विश्वकर्मा जयंती 17 सितम्बर से उन्होंने स्वच्छता सेवा अभियान से गांव के निवासियों को बल और प्रेरणा मिली। गांव के लोग रात को एकत्रित होकर चौपाल लगाते है। यहां वे गांव की सफाई के साथ ही आर्थिक स्वावलंबन व समस्याएं और विवाद के साथ अन्य विषयों पर विमर्श करते है। अभी 25 सितम्बर को नवागत एसडीएम श्री अर्पित गुप्ता को इस बात की जानकारी मिली तो वे भी रात को होने वाली चौपाल में शामिल हुए। उन्होंने गांव की इस पहल की सराहना करते हुए हौसला बढ़ाया। आज गांव में प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला, आंगनवाड़ी केंद्र और पंचायत भवन के आसपास ही नहीं  गांव की सड़कें भी साफ और स्वच्छ दिखाई पड़ती है।

                               जल जीवन मिशन योजना निजी टॉवर और बिजली की पहुँच भी हुई सुनिश्चित

गांव की जागरूकता का लाभ उन्हें शासन की योजनाओं का भी मिल रहा है। यहाँ 284 घरों में नल कनेक्शन भी है। गांव में निजी कंपनी का टॉवर होने से नेटवर्क का लाभ भी मिल रहा है। साथ ही गांव के 10 युवा अलग अलग शासकीय सेवा में है जो बाहर सेवा दे रहें है।। वहीं इस समय कुल 22 छात्र ऐसे है जो आगे की शिक्षा ग्रहण कर रहे है।

                                    अब गांव स्वावलंबन के लिए योजनाओँ पर विचाररत

गांव में शिक्षा की जागरूकता के साथ ही यहाँ के लोग अब आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में बढ़ रहें है। चौपाल पर शासकीय योजनाओं की चर्चा होती है। यहां के लोग गांव में ही रहकर खेती के साथ-साथ छोटे-छोटे व्यावसाय की ओर अग्रसर हो रहें है। करीब 700 की जनसंख्या वाले ग्रामीण पशुपालन के साथ ही सब्जी उत्पादन और कपड़े का भी कार्य करने लगे है। उनकी ऐसी सोच है कि स्थानीय स्तर पर अब जो भी काम मिले कार्य कर आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। लेकिन पलायन नहीं करेंगे। हर समस्या या विवाद का निराकरण भी ग्राम स्तर पर ही होता है। इसके लिए भी चौपाल ही निर्णय करते है। गांव के लोगों में बाबूलाल टेकाम, बारेलाल बिसेन, भागचंद बिसेन, हेमंत पटले, रेखा बिसेन, दीपलता बिसेन और विशेष परामर्श शिवनाथ यादव का प्राप्त होता है।

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