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हटा / ग्राम तेवरईया में प्रतिवर्ष अनुसार चौथे वर्ष में भी पितृपक्ष में प्रतिदिन जलांजलि देने वाले परिजनों ने पितृमोक्ष अमावस्या पर सामूहिक तर्पण संपन्न किया । पितृमोक्ष अमावस्या पितरों के सम्मान का महापर्व है श्रद्धा भावना के द्वारा पितरों का श्राद्ध करना भारतीय संस्कृति की पुरातन परंपरा है इसी परंपरा का पालन करते हुए गायत्री प्रज्ञापीठ में क्षेत्रीय परिजनों द्वारा पूर्ण विधि विधान के साथ गायत्री पद्धति से पितृऋण मुक्ति के लिए पितृतीर्थ मुद्रा में अपने-अपने पूर्वजों, देवताओं, ऋषियों, महापुरुषों एवं समाज के वरिष्ठ देवलोक वासियों को कुशा एवं तिल के द्वारा तर्पण किया गया । इसी प्रक्रिया के अंतर्गत पंचबलि पिंडदान भी किया गया अंत में पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ के माध्यम से पितरों को तृप्त करने वाले दिव्यमंत्रों से पितृदोष इत्यादि निवारण के लिए शास्त्र सम्मत विशेष आहुतियां प्रदान की गई इस अवसर पर प्रज्ञा पुत्र डॉक्टर सीएल नेमा ने वैज्ञानिकता के आधार पर पितृमोक्ष अमावस्या का निरूपण किया तथा उपस्थित परिजनों को श्रद्धा भावना से समर्पित होकर इस कार्य को करने की प्रेरणा दी । तर्पण एवं यज्ञ का संचालन पंडित दिनेश दुबे एवं पंडित गिरधर पटेरिया ने किया कार्यक्रम की व्यवस्था में हरिनारायण चौकरया, लीलाधर पटेल, धनीराम दाहिया, बिहारी सिंह ,गुलजार सिंह लोधी संतोष पटेल व 51 कुंडीय यज्ञ खमरगौर के संयोजक डॉक्टर जानकी पटेल का विशेष सहयोग रहा एवं हिनौता देवरा मुहरई लुहरबंद के परिजनों की सहभागिता रही ।
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