सिरसा / हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने टिकट न देने पर भाजपा छोड़ दी है। कल (4 सितंबर) भाजपा की 67 उम्मीदवारों की लिस्ट के बाद उन्होंने गुरुवार को समर्थकों के साथ मीटिंग की।
रणजीत ने कहा कि भाजपा हाईकमान ने मुझे डबवाली से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन मैं वहां से नहीं लड़ना चाहता। मैं इसी समय पार्टी छोड़ रहा हूं। 90% तय है कि रानियां विधानसभा से निर्दलीय ही चुनाव लड़ूंगा। आगामी 8 सितंबर को रानियां में बड़ा रोड शो निकालकर भाजपा को अपनी ताकत दिखाऊंगा।
रणजीत चौटाला पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल के बेटे हैं। भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल कर हिसार से चुनाव लड़ाया था। हालांकि वे चुनाव हार गए। इसके बाद वह सिरसा के रानियां से अपनी विधानसभा सीट पर फिर टिकट मांग रहे थे।
इस्तीफे के बावजूद रणजीत बने रहे मंत्री
लोकसभा चुनाव हारने और रानियां के विधायक पद से इस्तीफा देने के बावजूद भाजपा ने रणजीत चौटाला को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में बिजली मंत्री बनाए रखा। रणजीत चौटाला के लिए बगावत नई बात नहीं है। इससे पहले रणजीत अपने पिता देवीलाल की पार्टी लोकदल को छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे।
कई साल कांग्रेस में रहे। जब कांग्रेस ने रानियां से टिकट काट दिया तो 2019 में निर्दलीय लड़कर चुनाव जीता और भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया।
कांडा की शिकायत की
गोपाल कांडा सिरसा से विधायक हैं। उनके भाई गोबिंद कांडा भाजपा में हैं। गोबिंद के बेटे धवल हरियाणा लोकदल पार्टी (हलोपा) से चुनाव लड़ रहे हैं। रणजीत चौटाला ने इसकी शिकायत पार्टी नेतृत्व से की हुई है। हालांकि पार्टी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई।
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